
कोरबा: लोकसभा चुनाव 2024 में मोदी लहर इस कदर व्याप्त थी कि काग्रेस के कई नेता व कार्यकर्ता अपनी पार्टी पर विश्वास न कर भाजपा की गोद मे दाढ़ी मुड़वाने चले गए।इन्हें लग रहा था शायद इस बार कोरबा में कांग्रेस अपनी जगह नही बना पाएगी,लेकिन जब परिणाम बया हुए तो तस्वीर कुछ और ही बन गई और अब ये कार्यकर्ता न घर के रहे न घाट के.,,
हालांकि भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमीनीस्तर पर बहुत प्रचार प्रसार किया था,कोरबा की जनता भी भाजपा प्रत्याशी के फेवर में नजर आ रही थी,लेकिन लोकसभा कोरबा में कांग्रेस की पकड़ भी किसी से छुपी नही है, डॉ चरणदास महंत कांग्रेस के बड़े नेताओं में सुमार है और सामाजिक स्तर पर इनकी पकड़ बेहद मजबूत है।
जब कांग्रेस के कुछ दलबदलू कार्यकर्ता पार्टी पर विश्वास न कर पार्टी का त्याग कर भाजपा प्रवेश कर कांग्रेस को चिढ़ाने का काम किये तो पार्टी ऐसे कार्यकर्ताओं को दर किनार कर जनता के बीच जगह बनाने लगी।सूत्र बताते हैं कि कोरबा की जनता किसी बाहरी प्रत्याशी को जगह देने के मूड में बिल्कुल नही थी,जनता की सोच थी कि बाहरी प्रत्याशी कोरबा के विकास में बड़ा रोड़ा साबित हो सकती है।
अगर भाजपा किसी लोकल प्रत्याशी का चयन करती तो शायद आज छत्तीसगढ़ की 11 सीटों पर भाजपा का कब्जा होता।भाजपा छत्तीसगढ़ की 10 सीटों पर विजय प्राप्त की,लेकिन कोरबा की महत्वपूर्ण एक सीट खो बैठी।वही कोरबा की जनता के पास दूसरा विकल्प नही था,लिहाजा कांग्रेस की उमीदवार ज्योत्स्ना महंत को जनता ने पुनः मौका दिया।